मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 200 मीटर लंबे स्टील ब्रिज का पहला विस्तार मार्च 2025 में लॉन्च किया जाएगा, जिसे अगस्त 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज राष्ट्रीय राजमार्ग -48 पर गुजरात में नडियाद के पास स्थापित किया जाएगा, जो दिल्ली, मुंबई और चेन्नई को जोड़ने वाला एक प्रमुख गलियारा है। वहीं, आज केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है, 360 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है।

वैष्णव ने कहा कि उच्च गति पर दबाव प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए स्टेशन का डिज़ाइन अद्वितीय है। इस परियोजना का लक्ष्य मार्ग पर आर्थिक केंद्र बनाना है, मुंबई, सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों में विकास को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें एक ही आर्थिक क्षेत्र के रूप में आपस में जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि लगभग 360 किमी बुलेट ट्रेन का काम पूरा हो चुका है और (उद्धव) ठाकरे द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण हमें जो ढाई साल का नुकसान हुआ, हम उसकी भी भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं। बुलेट ट्रेन का महाराष्ट्र खंड भी अच्छी प्रगति पर है। समुद्र के अंदर लगभग 2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनकर तैयार है। 

मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। पुल की संरचना में 100 मीटर के दो स्पैन हैं, जिनकी चौड़ाई 14.3 मीटर और ऊंचाई 14.6 मीटर है। यह स्थापना भारत के पहले बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की प्रगति में एक प्रमुख मील का पत्थर है, जिसका उद्देश्य देश में हाई-स्पीड रेल यात्रा में क्रांति लाना है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत 200 मीटर लंबे स्टील ब्रिज के सफल निर्माण के साथ, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया गया है। यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर नडियाद के पास शुरू होने वाला है, जो दिल्ली, मुंबई और चेन्नई को जोड़ता है।

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