अपने पहले दोनों मैच में जीत दर्ज करने से उत्साहित भारतीय टीम एशियाई महिला हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी में बृहस्पतिवार को यहां थाईलैंड के खिलाफ बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश करेगी।
भारत और मौजूदा ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन ने अभी तक अपने दोनों मैच जीते हैं लेकिन भारतीय टीम गोल अंतर में पीछे है। चीन का गोल अंतर 20 है और वह तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है।
भारत का गोल अंतर पांच है तथा वह कमजोर थाईलैंड के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करके चीन और जापान के खिलाफ होने वाले दो अंतिम राउंड रोबिन मैच से पहले अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगा। जापान अंक तालिका में तीसरे जबकि दक्षिण कोरिया चौथे स्थान पर है। छह टीमों के बीच खेले जा रहे इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के राउंड रोबिन चरण में चोटी पर रहने वाली चार टीमें सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी।
भारतीय टीम ने अभी तक दोनों मैच में गोल करने के कई मौके बनाए लेकिन वह उतने गोल नहीं कर सकी जितने उसे करने चाहिए थे। भारत ने टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में मलयेशिया को 4-0 से हराया, जबकि दक्षिण कोरिया के खिलाफ उसने 3-2 के मामूली अंतर से जीत दर्ज की।
भारतीय कोच हरेंद्र सिंह भी टीम के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने कहा, ‘हम अधिक गोल कर सकते थे लेकिन हमने जल्दबाजी दिखाई और सही विकल्प का इंतजार नहीं किया। हम इन मैच की वीडियो देखकर जहां गलती हुई उसमें सुधार करने की कोशिश करेंगे।’
भारतीय टीम के लिए पेनल्टी कार्नर को गोल में नहीं बदल पाना भी चिंता का विषय है। मलयेशिया के खिलाफ भारत ने 11 पेनल्टी कार्नर हासिल किए लेकिन इनमें से वह केवल तीन को गोल में बदल पाया।
दक्षिण कोरिया के खिलाफ भारत को आठ पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन वह इनका फायदा नहीं उठा पाया। भारत के लिए फॉर्वड संगीता कुमारी और दीपिका का प्रदर्शन अभी तक सकारात्मक पहलू रहा है। इन दोनों ने अभी तक तीन-तीन गोल किए हैं।
शर्मिला देवी, प्रीति दुबे, ब्यूटी डुंगडुंग को अधिक जिम्मेदारी लेनी होगी। कप्तान सलीमा टेटे और उप कप्तान नवनीत कौर को मध्यपंक्ति में बेहतर खेल दिखाना होगा।
थाईलैंड के खिलाफ जीत से भारतीय टीम जापान के खिलाफ होने वाले मैचों से पहले ही सेमीफाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर देगी। बृहस्पतिवार को होने वाले अन्य मैचों में दक्षिण कोरिया का सामना मलयेशिया से जबकि चीन का सामना जापान से होगा।