एशियन गेम्स 2023 में भारत की ज्योति याराजी ने एथलेटिक्स स्‍पर्धा के तहत महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में नाटकीय अंदाज में सिल्‍वर मेडल जीता है। इससे पहले अधिकारियों ने उन्हें चीनी प्रतिद्वंद्वी वू यान्नी के साथ अयोग्य करार देने का प्रयास किया। चीनी अधिकारियों ने ज्योति को भी अयोग्य घोषित करने का प्रयास किया। इसको लेकर जब ज्योति ने विरोध किया तो अधिकारियों ने दोनों को प्रतिस्पर्धा में हिस्‍सा लेने की अनुमति दे दी। इसके बाद भारत ने सिल्‍वर मेडल जीता और चीनी चालबाजी की पोल खोलकर रख दी।
एशियन गेम्स 2023 में महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में ज्योति ने भाग लिया और 12.91 के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। पहले अयोग्य घोषित की गई चीनी धाविका ज्‍योति से आगे दूसरे स्थान पर रही। लेकिन, रेस पूरी होते ही भारतीय अधिकारियों ने विरोध किया और फिर चीनी अधिकारियों ने बैकफुट पर आते हुए आखिरकार चीनी धावक को अयोग्य घोषित कर दिया और इस तरह ज्योति के पदक को रजत में अपग्रेड कर दिया गया।
एशियन गेम्स 2023 में हुए इस मामले को लेकर एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की वरिष्‍ठ अध्‍यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि एक एथलीट के रूप में अपने पूरे जीवन में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा है। अधिकारी पहले किसी एथलीट को अयोग्य ठहराते हैं और फिर उसे वापस लाते हैं। उन्होंने ज्योति को बाहर निकालने की भी कोशिश की, लेकिन उसने कोई गलत शुरुआत नहीं की, उसके हाथ ट्रैक को छू रहे थे। चीनी धाविका पहले से ही एक कदम आगे थी। हमने तुरंत विरोध दर्ज कराया।

भारतीयों का विरोध काम कर गया और अधिकारियों ने अंततः सही निर्णय लिया। लेकिन, ऐसा लगता है कि पूरे नाटक और उसे अयोग्य घोषित करने के अवैध प्रयास का ज्योति पर असर पड़ा, क्योंकि वह अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकी। ज्योति ने बाद में मीडिया से कहा कि मुझे नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन मैं स्पष्ट थी कि मैंने गलत शुरुआत नहीं की थी।

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