भारत में परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने पूरी मानवता को सचेत किया है। उनका कहना है कि जो हालात चल रहे है अगर वही हालात बने रहे तो एक दिन पूरी दुनिया पानी में डूब जाएगी। एक कॉलेज के दीक्षान्त समारोह में बोलते हुए कहा कि पूरा विश्व एक दिन पानी में समा जाएगी।

भारत में परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती भारत के परमाणु उर्जा विभाग मंत्रालय के सचिव भी है। रविवार को डॉ. अजीत कुमार मोहंती उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में स्थित जीएलए कॉलेज के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस समारोह में मुख्य अतिथी के तौर पर बोलते हुए परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि पूरी मानवता पर एक बड़ा खतरा मण्डरा रहा है। वह खतरा दुनिया भर के लोगों की वजह से पैदा हो रहा है। खतरा यह है कि पूरा विश्व एक दिन पानी में डूब जाएगा। यानि धरती पर जल प्रलय हो जाएगी।

मथुरा शहर के जीएलए कॉलेज में बोलते हुए परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर तेजी के साथ पिंघल रहे है। हमारे तमाम ग्लेशियर इसी प्रकार पिंघलते रहे तो एक दिन पूरी दुनिया ही पानी में डूब जाएगी। उन्होने जोर देकर कहा कि बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग के लिए खुद मानव ही जिम्मेदार है। मानव ही पूरी मानवता का दुश्मन बन गया है। यदि पूरे विश्व ने एकजुट होकर ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का प्रयास नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब जल प्रलय हो जाएगी, और पूरा विश्व पानी में डूब जाएगा।

मथुरा के जीएलए कॉलेज में मौजूद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए परमाणु उर्जा के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने कहा कि मानव जाति ही सम्पूर्ण पृथ्वी की मविन्य निर्धारक है। मानव जाति को अपनी जिम्मेदारी को समझना पड़ेगा। पूरे विश्व की मानवता को एक जुट होकर ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के गंभीर उपाय करने पड़ेंगे। उन्होने देश के युवा वर्ग से अपील करते हुए कहा कि कोई भी ऐसा काम ना करे जिसके कारण हमारे पर्यावरण को नुकसान होता है। ऐसा ना हो कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बर्बाद होने पर आने वाली पीढ़ियां हमें गाली देती रहे और फिर किसी के पास भी करने के लिए कुछ भी शेष ना बचे। कार्यक्रम में डॉ. अजीत कुमार मोहंती के साथ ही साथ प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. सुमा वरूघीस भी मौजूद थी। उन्होने ने भी बढ़ते हुए ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, पृथ्वी को यदि जल प्रलय से बचाना है, तो हम सबको पूरी दुनिया को एक साथ मिलकर प्रयास करने पड़ेगें।

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