देश में कुछ ही दिनों में होने वाले लोकसभा चुनावों के ऐलान से पहले ही चुनावी बॉन्ड यानी इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला 15 फरवरी को सुना दिया है। लोकसभा चुनावों से पहले आया ये फैसला काफी अहम है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बीते वर्ष 31 अक्टूबर से नियमित सुनवाई की थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगातार तीन दिन तक भी सुनवाई की थी। वहीं अब इस मामले पर कोर्ट का फैसला आ गया है।
बता दें कि ये मामला राजनीतिक दलों को गुमनाम तरीकों से चंदा देने की अनुमति वाले इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित है। इस फैसले में कहा गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। मतदाताओं को पार्टियों में होने वाली फंडिंग के बारे में जानने का पूरा हक दिया जाना चाहिए। बता दें कि इस योजना को सरकार ने 2018 में अधिसूचित किया था, जिसके अनुसार चुनावी बॉण्ड को भारत का कोई भी नागरिक या देश में स्थापित इकाई खरीद सकती है।