इमरान मसूद के कांग्रेस में शामिल होते ही सहारनपुर में दल बदली का खेल शुरु हो गया है। 2024 से पहले की तैयारी दिखाई देने लगी है। कांग्रेस का कुनबा बढ़ने लगा है और विरोधी पार्टियों में खलबली मचने लगी है। वरिष्ठ सपा नेता एडवोकेट फिरोज आफताब ने समाजपार्टी को बाय-बाय कह दिया है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़कर हाथ के पंजे को पकड़ लिया है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद फिरोज आफताब ने कहा है कि समाजवादी पार्टी में उनका दम घुट रहा था। अब कांग्रेस में भाई इमरान मसूद के मेहनत करेंगे।
एडवोकेट फिरोज आफताब सहारनपुर की ही एक रॉयल फैमिली से जुड़े हैं। एडवोकेट हैं और दिल्ली में प्रैक्टिस करते हैं। एडवोकेट फिरोज पहले रालोद में थे बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। फिरोज सहारनपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। यह अलग बात है कि अभी तक वो कोई चुनाव जीत नहीं पाए लेकिन चुनावी राजनीति में वो सक्रिय रहते हैं। फिरोज आफताब ने रालोद के टिकट पर सरसावा विधानसभा से चुनाव लड़ा था लेकिन पूर्व सांसद राघव लखन पाल शर्मा ने उन्हे हरा दिया था। इससे पहले भी फिरोज 1996 में सरसावा से आजाद चुनाव लड़े थे उस समय उन्हे सपा से टिकट नहीं मिल पाया था। अब तक फिरोज आफताब चार बार विधान सभा चुनाव लड़ चुके हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फैसल सलमानी का कहना है कि एडवोकेट फिरोज आफताब सपा में लंबे समय से निष्क्रिय थे। वो ना तो पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे और ना ही जनता के बीच दिखाई दे रहे थे। ऐसे में फिरोज आफताब के समाजवादी पार्टी छोड़ जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।