अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 12 अफ्रीकी और पश्चिम एशियाई देशों के नागरिकों के अमेरिका यात्रा करने पर लगाए गए नए प्रतिबंध सोमवार से प्रभावी हो गए।

यह प्रतिबंध राष्ट्रपति के आव्रजन प्रवर्तन अभियान को लेकर बढ़ते तनाव के बीच लगाया गया है।

ट्रंप ने बीते बुधवार को इस नई घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। यह प्रतिबंध अफगानिस्तान, म्यांमा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों पर लागू होते हैं।

इसके अलावा बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेज़ुएला के उन नागरिकों पर भी सख्त शर्तें लागू की जाएंगी जो अमेरिका के बाहर हैं और जिनके पास वैध वीज़ा नहीं है।

अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, नए प्रतिबंध के तहत सूची में शामिल देशों के लोगों को पहले जारी किए गए वीज़ा रद्द नहीं होंगे।

हालांकि, यदि कोई आवेदक इस प्रतिबंध से छूट के लिए निर्धारित सीमित मानदंडों को पूरा नहीं करता है, तो सोमवार से उसके वीज़ा आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा।

न्यू जर्सी के नेवार्क हवाई अड्डे पर फ्लोरिडा स्थित अपने गृह राज्य की उड़ान का इंतजार कर रही हैती मूल की अमेरिकी नागरिक एल्वानीज़ लुई-जस्ट ने कहा कि कई हैतीवासी अमेरिका आना इसलिए चाहते हैं क्योंकि वे अपने देश में फैली हिंसा और अशांति से बचना चाहते हैं।

लुई-जस्ट (23) ने यात्रा प्रतिबंध पर कहा, “मेरा परिवार हैती में है, इसलिए यह देखकर और सुनकर बहुत दुख होता है।”

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह अच्छी बात है। मुझे लगता है कि यह बहुत परेशान करने वाला है।”

कई आव्रजन विशेषज्ञों का कहना है कि नया प्रतिबंध वीजा आवेदन प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करके किसी भी अदालती चुनौती को मात देने के लिए बनाया गया है और यह ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जल्दबाजी में लिखे गए कार्यकारी आदेश की तुलना में अधिक सावधानी से तैयार किया गया प्रतीत होता है, जिसमें मुख्य रूप से मुस्लिम देशों के नागरिकों को प्रवेश से वंचित किया गया था।

इस प्रतिबंध की कई शरणार्थी और मानवीय सहायता संगठनों ने निंदा की है।

ऑक्सफैम अमेरिका की अध्यक्ष एबी मैक्समैन ने कहा, “यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सामाजिक विभाजन पैदा करने और अमेरिका में सुरक्षा व अवसर की तलाश कर रहे समुदायों को बदनाम करने की कोशिश है।”

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार ने इस यात्रा प्रतिबंध की कड़ी निंदा की है और एक बयान में इसे वेनेजुएला के नागरिकों को बदनाम करने और अपराधी के रूप में दर्शाने का अभियान बताया है।

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