टेंडर मैनेज घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के आरोपी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर पीएमएलए की विशेष अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से बहस की गई है। बहस के दौरान ईडी ने आलमगीर आलम को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताते हुए जमानत याचिका का विरोध किया। दोनों पक्षों की बहस पूरी सुनने के बाद अदालत ने बेल पिटिशन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं, बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान आलमगीर आलम के वकील ने कहा था कि गलत तरीके से मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई है। वकील ने कहा था कि मामले में प्रार्थी पूरी तरह से निर्दोष हैं। जिस आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उन पर वह आरोप साबित नहीं हो रहा है। मंत्री की ओर से उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत देने का अनुरोध किया गया था। वहीं, मामले में ईडी द्वारा बहस के लिए कोर्ट ने 9 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई थी।
गौरतलब है कि आलमगीर आलम को 15 मई को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले आलमगीर से ईडी ने लगातार 6 घंटे पूछताछ की थी। ईडी इसी मामले में में राज्य के वरीय IAS अधिकारी मनीष रंजन से पूछताछ भी कर चुकी है। वहीं, आलमगीर आलम के ओएसडी रहे संजीव लाल और उसके सहयोगी जहांगीर आलम को जांच एजेंसी गिरफ्तार कर चुकी है। संजीव लाल के नौकर घऱ से ईडी ने 35 करोड़ रुपए से अधिक नगद जब्त किया था। वहीं, बता दें कि 18 जुलाई को आलमगीर आलम ने याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी।

 

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