होली की छुट्टियों के बाद कल यानी मंगलवार को फिर से झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई। इस दौरान सदन में कार्रवाई कल्याण मंत्रालय के बजट अनुदान मांग पर चर्चा हुई।

इस चर्चा में आदिवासियों की राज्य में घटती जनसंख्या को लेकर चिंता व्यक्त की गई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की आबादी कम हो रही है और एक विशेष समुदाय की आबादी बढ़ रही है। मरांडी ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार किसी आयोग का गठन करें या फिर केंद्र को प्रस्ताव भेजे कि राज्य में एनआरसी लागू हो। बाबूलाल मरांडी ने कहा, “हमारे यहां आदिवासियों की जनसंख्या किन वजहों से कम हो रही है, यह हमें देखना चाहिए। मरांडी ने कहा, साल 1951 से 2011 के सेंसस तक इतनी बड़ी तादाद में आदिवासियों की आबादी कम हुई है। दूसरी ओर अल्पसंख्यकों में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है। आखिर वह कहां से बढ़ी है?”

मरांडी ने कहा, “हम चिंतित हैं और इसलिए हम राज्य सरकार से कहते हैं कि एक बार हमें सपोर्ट करिए ताकि झारखंड में हम एनआरसी करा लें और यह पता चल सके कि कौन कहां से आया है। आपको यह बात तो बतानी ही पड़ेगी कि आदिवासी आखिर कम कैसे हुए? हमें इसपर चिंता करनी चाहिए।” बाबूलाल मरांडी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, “आदिवासियों की आबादी घटती रहेगी तो लोकसभा सीट, विधानसभा सीट और सरकारी सेवाओं में भी दुर्गामी प्रभावी पड़ेगा। इसलिए यह विषय सभी के लिए चिंता का है।”

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