कलकत्ता उच्च न्यायालय राज्य में ‘आदिपुरुष’ की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर 27 जून को सुनवाई करेगा।

यह याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील देबदीप मंडल ने दायर की है।

याचिका में मंडल के वकील तन्मय बसु ने दावा किया है कि हालांकि फिल्म महान भारतीय महाकाव्य रामायण से प्रेरित है, लेकिन वास्तव में पौराणिक महाकाव्य में चित्रित घटनाओं को फिल्म में विकृत किया गया है। याचिकाकर्ता ने फिल्म निर्देशक पर फिल्म की थीम के साथ यौन संकेत मिलाने का भी आरोप लगाया है।

वकील ने यह भी बताया कि सिर्फ भारत में ही नहीं, नेपाल में भी फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई गई है।

फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग वाली एक ऐसी ही जनहित याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय में भी दायर की गई है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने पिछले दिनों लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (एआईसीडब्‍ल्‍यूए) ने ‘आदिपुरुष’ की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) फिल्म के खिलाफ एक साथ हो गए हैं और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने और इसके निर्माताओं से माफी मांगने की मांग की है।

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