भारतीय जनता पार्टी छावनी क्षेत्र से विधायक व पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं बल्कि कमीशन का रेट है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से लेकर एसीपी तक मुख्यमंत्री की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता लगा रहे हैं। भूमाफिया व अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।

भाजपा विधायक ने बताया कि उनके पास पुलिस अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य हैं। जिन्हें वह मुख्यमंत्री को मिलकर सौपेंगे। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में समाज कल्याण राज्यमंत्री रहे डॉ. धर्मेश ने आगरा पुलिस पर सरकार की छवि खराब कराने सहित कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय से गैर जमानती वारंटियों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ा जा रहा है। भाजपा के दायित्ववान कार्यकर्ताओं पर अनावश्यक गंभीर धाराएं लगाकर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। न्यायालयों में पुलिस की लचर पैरवी से अपराधी, बलात्कारी और भूमाफिया बरी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते पहले थाना छत्ता पुलिस ने एक गैर जमानती वारंटी को पकड़ा और दो घंटे बाद ही छोड़ दिया। आखिर इंस्पेक्टर ने किसके आदेश पर छोड़ा।
आगरा सहित तीन जिलों में 25 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी। डॉ. प्रीतिंदर सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया। चर्चित बोदला जमीन कांड में तत्कालीन थानाध्यक्ष को जेल जाना पड़ा। जिसके बाद डॉ. प्रतिंदर सिंह की जगह जे रविन्दर गौड पुलिस कमिश्नर बने। धर्मेश छावनी क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं। वह भ्रष्टाचार को लेकर मुखर रहे हैं। बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने आगरा स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। स्मार्ट सिटी नोडल अधिकारी आरके सिंह पर कमीशन की काली कमाई से अकूत संपत्तियां अर्जित करने के आरोप लगाए थे। इसके अलावा वह अन्य कई परियोजनाओं में भी भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोल चुके हैं।

 

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