विरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में भारतीयों के निर्वासन मुद्दे पर अपना जवाब दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रहते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें वापस बुला लें। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा निर्वासन का आयोजन और कार्यान्वयन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। ICE द्वारा उपयोग किए जाने वाले विमान द्वारा निर्वासन का SOP जो 2012 से प्रभावी है, संयम के उपयोग का प्रावधान करता है। हमें आईसीई द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को रोका नहीं जा सकता है।

एस जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिकी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं कि लौटने वाले निर्वासित लोगों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार की आलोचना की तथा प्रवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला जत्था है। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया।

विदेश मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। साथ ही, सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आप्रवासन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासित लोगों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।

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