उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। क्षेत्र के सात विधायकों ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करने का संकल्प लिया। अगली बैठक 24 फरवरी को निर्धारित की गई है।

बैठक में शामिल विधायक

इस बैठक में निम्नलिखित विधायक उपस्थित रहे:

  • राकेश गोस्वामी: महोबा सदर विधायक
  • बृजभूषण राजपूत ‘गुड्डू भईया’: चरखारी विधायक
  • रामरतन कुशवाहा: ललितपुर सदर विधायक
  • रवि शर्मा: झांसी सदर विधायक
  • जवाहर राजपूत: गरौठा विधायक
  • मूलचंद निरंजन: माधवगढ़ विधायक
  • विनोद चतुर्वेदी: कालपी विधायक

विधायक बृजभूषण राजपूत का बयान

चरखारी के विधायक बृजभूषण राजपूत ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “बुंदेलखंड क्षेत्र की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम सभी विधायक मिलकर इस मुद्दे को सदन से सड़क तक ले जाएंगे। हमारा उद्देश्य है कि बुंदेलखंड को उसका हक मिले और क्षेत्र का समग्र विकास हो।”

बुंदेलखंड राज्य की मांग का इतिहास

बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग नई नहीं है। यह मुद्दा लंबे समय से क्षेत्रीय राजनीति का केंद्र रहा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी यह प्रमुख चुनावी मुद्दा था, जहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने अलग राज्य के गठन का वादा किया था। हालांकि, समय-समय पर यह मांग उठती रही है, लेकिन अब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है।

क्षेत्रीय संगठनों की सक्रियता

बुंदेलखंड क्रांति दल और बुंदेलखंड विकास सेना जैसे क्षेत्रीय संगठन भी इस मांग को लेकर सक्रिय हैं। हाल ही में बुंदेलखंड क्रांति दल ने झांसी में मोहल्ला बैठकों की शुरुआत की है, जहां लोगों को अलग राज्य के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा, “हम घर-घर जाकर लोगों को बुंदेलखंड राज्य की आवश्यकता के बारे में बताएंगे। यह क्षेत्र की समस्याओं का स्थायी समाधान है।”

आगामी कदम

विधायकों की अगली बैठक 24 फरवरी को निर्धारित की गई है, जिसमें आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, क्षेत्रीय संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर व्यापक जन आंदोलन की योजना बनाई जाएगी।

बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। क्षेत्र के विधायकों और संगठनों की सक्रियता से यह मुद्दा राजनीतिक परिदृश्य में प्रमुखता से उभर रहा है। आगामी दिनों में इस आंदोलन की दिशा और दशा पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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