दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय के समन में शामिल नहीं होंगे। यह छठी बार होगा है, जब वह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में पूछताछ के लिए उपस्थित होने में विफल रहे हैं। AAP ने अपना रुख दोहराते हुए समन को अवैध घोषित किया है और कहा है कि मामला अब अदालत के समक्ष है।
आम आदमी पार्टी ने आज जारी एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि ईडी ने खुद अदालत का रुख किया था। पार्टी ने सुझाव दिया कि ED को बार-बार समन जारी करने के बजाय मामले की वैधता पर अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। केजरीवाल और ईडी के बीच चल रही कानूनी लड़ाई बढ़ गई है। जांच एजेंसी लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री को तलब कर रही है, जिन्होंने लगातार इसका पालन करने से इनकार कर दिया है।

छठा समन दिल्ली की एक अदालत की ओर अरविंद केजरीवाल को पेश होने और पिछले समन का पालन न करने पर स्पष्टीकरण देने के निर्देश के मद्देनजर आया है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ED दिल्ली शराब उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित आरोपों की जांच कर रही है। मामला इस आरोप के इर्द-गिर्द घूमता है कि आप सरकार की संशोधित शराब बिक्री नीति ने उसे कार्टेल से रिश्वत प्राप्त करने की अनुमति दी, जिसे कथित तौर पर गोवा सहित विभिन्न राज्यों में चुनाव खर्चों के वित्तपोषण में लगाया गया था। जबकि केजरीवाल को मामले में आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित AAP के दो वरिष्ठ सदस्यों को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा है। AAP ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भाजपा पार्टी को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों में हेरफेर कर रही है।

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