अब व्यापारियों की निगाहें आन्ध्र प्रदेश पर लग गयी है। यहां से टमाटर की फसल जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में तैयार होने के बाद देश भर में उसका निर्यात शुरू हो जाता है। इसके बाद नवरात्रि तक महाराष्ट्र के औरंगाबाद के साथ ही शिवपुरी और निवाड़ी के ग्राम असाटी और भोपाल के ग्राम बरेली से टमाटर का आना शुरू होता है। आवक बढ़ने से टमाटर के भाव 5 से 10 रुपए किलो तक हो जाते हैं।
वर्तमान में कर्नाटक से टमाटर आने पर जितने रुपए का टमाटर खरीदकर ट्रक, डीसीएम में लादा जा रहा है, उतना ही खर्च लगभग भाडे पर आ रहा है। दूर से टमाटर आने से दाम बढ़े हुए हैं, जैसे ही पास के क्षेत्रों से आना शुरू होगा, तो इसके बाद दाम गिर जाएंगे।
व्यापारियों की मानें तो इस बार कुछ दिनों पहले आए विपरजॉय तूफान से सबसे अधिक महाराष्ट्र में टमाटर की खेती खराब हो गयी। इसके बाद लगातार बारिश से महाराष्ट्र के साथ शिमला, राजस्थान में भी टमाटर की खेती को नुकसान हुआ, जिससे पैदावार कम और डिमांड ज्यादा होने से इसके दामों ने एकाएक उछाल आ गया है।