पाकिस्तान के जाने माने मानवाधिकार संगठनों ने बिना दस्तावेज वाले विदेशियों को निष्कासित करने के सरकार के फैसले पर चिंता प्रकट करते हुए मंगलवार को चेतावनी दी कि इससे ‘मानवीय संकट’ पैदा हो जाएगा। ऐसे लोगों में ज्यादातर अफगान नागरिक हैं।

इस माह के प्रांरभ में अंतिरम सरकार ने बिना दस्तावेज वाले सभी प्रवासियों को 31 अक्टूबर तक पाकिस्तान छोड़ देने अन्यथा जेल में डाल दिये जाने या देश से निकाल दिये जाने का जोखिम उठाने के लिए तैयार रहने का अल्टीमेटम दिया था।

इस कदम की कई स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार ने आलोचना की।

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष हीना जिलानी ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी को पत्र भेजकर कहा है कि अफगानों को निष्कासित करने के पाकिस्तान के फैसले से मानवीय संकट पैदा हो सकता है।

महिला की स्थिति को लेकर गठित राष्ट्रीय आयोग ने भी गृहमंत्री को पत्र लिखकर अफगानिस्तान की करीब 25 लाख विधवाओं को लेकर चिंता प्रकट की है जो आजीविका के लिए पाकिस्तान आ गयी थीं।

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