विवादों में घिरे बरेली केंद्रीय कारागार-2 के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित करने के बाद शासन ने विपिन कुमार मिश्र को यह जिम्मेदारी सौंपी है। अब अशरफ की जेल बदलने की सुगबुगाहट है। इस मामले में गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजे जाने की चर्चा है।

उमेश पाल हत्याकांड से अशरफ के जुड़ाव के बाद बरेली जिला जेल (केंद्रीय कारागार-2) करीब डेढ़ महीने से सुर्खियों में है। यहां जेल अधीक्षक से लेकर आरक्षियों तक करीब आठ लोग निलंबित हो चुके हैं और दो आरक्षी जेल में हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक के निलंबन के बाद खीरी जेल से विपिन कुमार मिश्र को बरेली में इस पद पर भेजा गया है। उनसे तत्काल प्रभाव से नया पदभार ग्रहण करने को कहा गया है। अभी तक जेलरों के हाथ में जेल प्रशासन की व्यवस्था थी।

इधर, बरेली जेल में रहकर अशरफ ने गुर्गों के सहारे बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया था। इसी नेटवर्क का सहारा लेकर उसने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची थी। अब चर्चा है कि अतीक अहमद को साबरमती जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा जा सकता है। अशरफ को भी किसी बड़ी जेल में शिफ्ट करने की चर्चा है।

प्रयागराज सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद भी पुलिस अशरफ को प्रयागराज नहीं ले जा सकी है। सप्ताह भर पहले प्रयागराज पुलिस ने जेल में वारंट और सीजेएम का आदेश दाखिल कर अशरफ को ले जाने की इच्छा जताई थी। इसके बाद प्रयागराज पुलिस लौटकर जेल नहीं पहुंची। अशरफ के परिजन, वकील और मीडिया के लोग अक्सर जेल गेट तक चक्कर लगाते रहते हैं। गुरुवार को एक बार फिर अशरफ को प्रयागराज ले जाने की चर्चा रही, हालांकि देर शाम तक ऐसी कोई कवायद नजर नहीं आई।
इसके अलावा अशरफ और उसके गुर्गों के खिलाफ सात मार्च को बिथरी चैनपुर थाने में कई धाराओं में केस दर्ज हुआ था। इसमें एसआईटी जांच कर रही है। बरेली की भ्रष्टाचार निवारण मामलों संबंधी कोर्ट में इसी केस के सिलसिले में अशरफ की शुक्रवार को पेशी होनी थी।
सुबह करीब दस बजे अशरफ को जेल के अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए लाया गया। वहां जांच में उसका बीपी कम और धड़कनें बढ़ी मिलीं तो उसे कोर्ट नहीं ले जाया गया। सूत्रों का कहना है कि किसी अनजाने डर की वजह से ऐसा हुआ, हालांकि जेल के सूत्र अशरफ का रोजा होने की वजह से ऐसा होना बता रहे हैं।

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