अंतिम पंघाल शुक्रवार को इतिहास रचते हुए लगातार दो बार अंडर-20 विश्व खिताब जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गई जिसने यहां 53 किलोवर्ग में खिताब अपने नाम किया।
सविता (Savita) ने भी 62 किलोवर्ग में खिताब जीता और भारतीय महिला टीम ने इस खेल के इतिहास में पहली बार विश्व चैंपियनशिप टीम खिताब अपने नाम किया।
भारत के सात पहलवानों ने इस बार पदक जीता है जिनमें तीन स्वर्ण शामिल हैं। अंतिम कुंडू (65 किलो) ने रजत और रीना (57 किलो), आरजू (68 किलो) और हर्षिता (72 किलो) ने कांस्य पदक जीते। प्रिया मलिक ने बृहस्पतिवार को 76 किलोवर्ग में खिताब जीता था।
हरियाणा के हिसार की रहने वाली पंघाल ने यूक्रेन की मारिया येफ्रेमोवा को 4-0 से हराकर खिताब जीता। उसने पूरे टूर्नामेंट में इतना जबर्दस्त प्रदर्शन किया कि सिर्फ दो अंक गंवाए।
पंघाल ने साबित कर दिया कि एशियाई खेलों के ट्रॉयल के लिए विनेश फोगाट को चुनौती देना अति आत्मविश्वास नहीं था। पिछले साल वह जूनियर विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थी और अब सीनियर स्तर पर भी खेलती हैं। अपनी फुर्ती और दिमाग के जबर्दस्त इस्तेमाल से उसने विरोधी के पैर पर लगातार हमले बोले। दाहिने पैर पर हमला बोलकर उसने विरोधी को चित कर दिया।
सविता ने 62 किलोवर्ग के फाइनल में वेनेजुएला की ए पाओला मोंटेरो चिरिनोस को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया। उसने पहले ही राउंड के बाद नौ अंक की बढ़त बना ली थी और दूसरे राउंड की शुरुआत में ही एक भी अंक गंवाए बिना जीत दर्ज की।
वहीं रीना ने 57 किलोवर्ग में कजाकिस्तान की शुगीला ओमिरबेक को 9-4 से हराया। इससे पहले उसने दिन में दो रेपेशॉज दौर जीतकर पदक की दौड़ में जगह बनाई थी। अंतिम कुंडू को फाइनल में स्थानीय खिलाड़ी एनिको एलेकेस ने 9-2 से हराया। हषिर्ता ने मोलदोवा की एमिलिया क्रेसियुन को हराकर भारत को एक और पदक दिलाया।